सड़क | |
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सड़क का पोस्टर | |
निर्देशक | महेश भट्ट |
लेखक | रोबिन भट्ट |
निर्माता | मुकेश भट्ट |
अभिनेता |
संजय दत्त, पूजा भट्ट, सदाशिव अमरापुरकर |
छायाकार | प्रवीण भट्ट |
संगीतकार | नदीम-श्रवण |
प्रदर्शन तिथि |
1991 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सड़क 1991 की हिन्दी भाषा की रोमांटिक थ्रिलर फिल्म है। इसका निर्देशन महेश भट्ट ने किया है और पूजा भट्ट और संजय दत्त प्रमुख कलाकार हैं। अभूतपूर्व संगीत के साथ यह फिल्म सन 1991 की साजन के बाद सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिन्दी फिल्म है। इस फिल्म को खलनायक महारानी के रूप में दिवंगत सदाशिव अमरापुरकर के पुरस्कार विजेता प्रदर्शन के लिए भी याद किया जाता है। फिल्म 1976 की फिल्म टैक्सी ड्राइवर से प्रेरित थी।
महारानी (सदाशिव अमरापुरकर) एक किन्नर है जो एक वेश्यालय चलाता है जिसमें पूजा (पूजा भट्ट) और चंदा (नीलिमा अज़ीम) जैसी कई लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है। एक टैक्सी चालक रवि (संजय दत्त), महारानी द्वारा खरीदी जाने से पहले पूजा से मिलता है। उसका दोस्त गोतिया (दीपक तिजोरी) चंदा से प्यार करता है। रवि ने यौन संक्रमित बीमारी के कारण अपनी बहन रूपा (सोनी राज़दान) की मृत्यु होते हुए देखी है। वह अपने प्रेमी के साथ चली गई थी जिसने उसे वेश्यालय में बेच दिया और उसे वेश्या बनने के लिए मजबूर कर दिया। इस हिंसक घटना ने रवि को आघात पहुँचाई और जीवन भर के लिये डरा दिया है। वह एक अनिद्रा रोगी बन गया है जो अपनी बहन की मौत के विचलित सपने देखता है और कई अवसरों पर बेचैन और हिंसक हो जाता है। एक दिन टैक्सी चलाते वक्त वह इंस्पेक्टर ईरानी (पंकज धीर) से मिलता है। जिन्हें वह अखबार में छपे एक लेख से पहचानता है। रवि उसे उनके गंतव्य तक छोड़ देता है और उससे कोई पैसा लेने से इंकार कर देता है। इंस्पेक्टर कहते है कि अगर उसे किसी भी तरह की मदद की ज़रूरत तो उसे याद करें।
रवि फिर से पूजा से मिलता है जब वह महारानी के वेश्यालय से भागने की कोशिश करती है। वह व्यर्थ में उसकी मदद करने की कोशिश करता है। वह तीस हजार रुपए, अपनी जिंदगी की सारी बचत अपने टैक्सी के मालिक सलीम भाई (अवतार गिल) से लेता है और ग्राहक के रूप में एक रात के लिए पूजा को ले जाता है। वह अपने दोस्त गोतिया और एक दलाल गुल्लू (मुश्ताक खान) की मदद से ऐसा करता है। हालांकि, पूजा को वो सुरक्षित रूप से लौटा दे इसलिये गोतिया को महारानी अपने पास रखती है। वे बॉम्बे के चारों ओर घूमते हैं, एक दूसरे के साथ कुछ रोमांटिक समय बिताते हैं। जिसके दौरान रवि पूजा से कहता है कि वह उसे प्यार करता है। वो हर रात उसके लिए वेश्यालय में वापस आना जारी रखता है (संभवतः - ताकि वह अन्य ग्राहकों को बेची न जाए)।
सडक | ||||
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साउंडट्रैक नदीम श्रवण द्वारा | ||||
जारी | 1991 | |||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | |||
लंबाई | 51:32 | |||
लेबल | टी-सीरीज़ | |||
निर्माता | नदीम श्रवण | |||
नदीम श्रवण कालक्रम | ||||
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इस फिल्म के लिये संगीत नदीम श्रवण ने दिया है।[1]
# | शीर्षक | गायक | गीतकार | अवधि |
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1 | "तुम्हें अपना बनाने की" (डुएट) | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | समीर | 05:38 |
2 | "हम तेरे बिन कहीं रह" | अनुराधा पौडवाल, मनहर उधास | समीर | 08:08 |
3 | "ज़माने के देखे" (डुएट) | अनुराधा पौडवाल, अभिजीत भट्टाचार्य | सुरेंद्र साठी | 04:19 |
4 | "जब जब प्यार पे" (डुएट) | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | समीर | 06:19 |
5 | "रहने को घर नही" | कुमार सानु, देबाशीष दासगुप्त, जुनैद अख्तर | समीर | 05:28 |
6 | "तुम्हें अपना बनाने की" (महिला) | अनुराधा पौडवाल | समीर | 05:42 |
7 | "जब जब प्यार पे पेहरा" (महिला) | अनुराधा पौडवाल | समीर | 06:21 |
8 | "क्या सोचता है ये दिल" | अनुराधा पौडवाल | रानी मलिक | 04:57 |
9 | "मोहब्बत की है" | कुमार सानू, अनुराधा पौडवाल | समीर | 06:33 |
10 | "ज़माने के देखे" (महिला) | अनुराधा पौडवाल | सुरेंद्र साठी | 04:23 |
11 | "तक धिन धिन तक" | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल, बाबा मेहता | समीर | 05:01 |
12 | "तुम्हें अपना बनाने की" (पुरुष) | कुमार सानु | समीर | 05:41 |