सत्तू | |
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सत्तू |
सत्तू भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रकार का देशज व्यंजन है, जो भूने हुए जौ, मक्का या/और चने को पीस कर बनाया जाता है। बिहार में यह काफी लोकप्रिय है और कई रूपों में प्रयुक्त होता है। सामान्यतः यह चूर्ण के रूप में रहता है जिसे पानी में घोल कर या अन्य रूपों में खाया अथवा पिया जाता है। सत्तू के सूखे (चूर्ण) तथा घोल दोनों ही रूपों को 'सत्तू' कहते हैं।
सत्तू की उत्पत्ति मगध क्षेत्र से हुई मानी जाती है। सत्तू बनाने की प्रक्रिया प्राचीन काल से है। बिहार, उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के बड़े क्षेत्र में सत्तू खाया जाता है। तेलंगाना में भी सत्तू बहुत प्रसिद्ध है। बतुकम्मा में इसे वहाँ प्रसादम् या निवेद्यम् के रूप में प्रयोग किया जाता है।
सत्तू सिर्फ चने का ही नहीं बल्कि मक्का (भूट्टा) और जौ का भी बनाया जाता है। जौ के सत्तू के लिये भी उपर्युक्त प्रक्रिया ही जौ के साथ की जाती है और मक्का के सत्तू को बनाने के लिए उपर्युक़्त प्रक्रिया मक्का को बिना भिगोए की जाती है।
सत्तू खाने के अनेक लाभ हैं। शरीर का वजन कम करने का यह एक करगर उपाय है।[1] मधुमेह के रोगियों के लिये बहुत उपयोगी है। [2]