सत्यव्रत केदान भारतीय पहलवान है। उन्होने २०१० युवा ओलम्पिक में पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वह कांस्य पदक जीते थे। उसके उपरांत उन्होने २०१४ के राष्ट्र्मण्डल खेल में रजत पदक पाया था। उन्हे २०१७ में अर्जुन पुरस्कार से सम्मनित किया गया था।
उनका जन्म ९ नवंबर १९९३ में, रोतक हरियाना में हुआ था। उनके पिता, सत्यवान केदान खुद पहलवान थे और उन्होने १९८८ के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भाग लिया था। उन्हे भी अर्जुन अवार्ड मिला था। सत्यव्रत अपने पिता के अखाडे पर प्रशिक्षित हुए थे। सत्यव्रत अपने पिता और अपने आदर्श सुशील कुमार की तरह ओलंपिक में जाने की कामना करते हैं। उनका विवाह पहलवान साक्षी मलिक से २०१६ में हुआ।
केदान का पहला अंतरराष्ट्रीय पदक था। वह १०० के जी लडकों के फ्रीस्टाइल पहलवानी में भाग ले रहे थे। उन्हे कांस्य पदक मिला था।
उन्होने तुर्की के अली बोनकेगुल को हरा कर कांस्य पदक हासिल किया था। उन्होने सुशील कुमार और योगेश्वर दुत्त के साथ तय्यारी की थी।
कजाखस्तान के अलीहान जुमाएव को एक अंक से हराकर कांस्य पदक जीते थे।
कनाडा के अर्जुन गिल से हार गये थे और रजत पदक घर लाए थे।