साधारण अवकल समीकरणों के हल की संख्यात्मक विधियाँ उन समीकरणों का भी हल दे सकतीं हैं जो वैश्लेषिक रीति से सम्भव नहीं होते। कभी-कभी इसे 'संख्यात्मक समाकलन' भी कहते हैं (यद्यपि 'संख्यात्मक समाकलन' का मतलब संख्यात्मक रीति से निश्चित समाकल का मान निकालना भी होता है।)।
इसके लिये बहुत सी विधियाँ हैं जिनकी अपने-अपने गुण और अवगुण हैं। इनसे मिलने वाला हल यथार्थ (exact) नहीं होता किन्तु सन्निकट मान (एप्रॉक्सिमेट वैल्यू) देता है। हाँ इस हल को यथार्थ हल के जितना निकट ले जाना आवशयक हो, उतना निकट ले जाया जा सकता है।
इस विधि को 'प्रेडिक्टर-करेक्टर विधि' भी कहते हैं। इसमें एक स्पष्ट विधि (प्रेडिक्टर) द्वारा पहले एक सन्निकट (approx value) निकालते हैं और फिर दूसरी अस्पष्ट विधि (करेक्टर) का उपयोग करते हुए अधिक शुद्ध मान निकाला जाता है।