सिंगरायकोंडा Singarayakonda సింగరాయకొండ | |
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निर्देशांक: 15°15′N 80°02′E / 15.25°N 80.03°Eनिर्देशांक: 15°15′N 80°02′E / 15.25°N 80.03°E | |
ज़िला | प्रकासम ज़िला |
प्रान्त | आन्ध्र प्रदेश |
देश | भारत |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 28,675 |
भाषा | |
• प्रचलित भाषाएँ | तेलुगू |
सिंगरायकोंडा (Singarayakonda) भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के प्रकासम ज़िले में स्थित एक शहर है। यहाँ एक रेलवे स्टेशन है।[1][2][3]
इस नगर में स्थित श्री वरह लक्ष्मी नरसिंह स्वामि मंदिर भगवान नरसिंह स्वामि को समर्पित है और उसी से शहर का नाम है। मान्यता है कि इस क्षेत्र में खरासुर नामक असुर का राज हुआ करता था, जिसने खराती नामक राजवंश की स्थापना करी। वह भगवान नरसिंह का भक्त था, और इस स्थान पर हर रोज़ उनके दर्शन के लिए आया करता था। जब एक दिन खरासुर ने उनसे एक वरदान की मांग करी तो नरसिंह ने उत्तर दिया कि वे जब राम के रूप में अवतरित होंगे तो उसे वर देंगे। क्रोधित होकर खरासुर ने ऋशियों के यज्ञ इत्यादि में बाधा डालनी आरम्भ कर दी। रामायणकाल में जब राम यहाँ से गुज़रे तो साधुओं ने उनसे अपने यज्ञ का प्रहरी बनने की कामना करी। जब राम की खरासुर से लड़ाई हुई उन्होंने उसके नरसिंह स्वामि के भक्त होने का सम्मान करते हुए पहले नरसिंह स्वामि की स्थापना कर उनकी पूजा करी और फिर खरासुर का वध करा। तेलुगू में स्थानीय कहना है कि "ఎలాంటి సింహాలకైనా రాయడైన నరసింహస్వామి వెలసిన కొండకనుక అది సింగరాయకొండ గా పిలవపడుతుంది"