सिमडेगा Simdega ᱥᱤᱢᱰᱮᱜᱟ | |
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ऊपर से दक्षिणावर्त: केलाघाघ बाँध, पहाड़ियाँ, ज़िला प्रशासन कार्यालय | |
निर्देशांक: 22°37′N 84°31′E / 22.62°N 84.52°Eनिर्देशांक: 22°37′N 84°31′E / 22.62°N 84.52°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | झारखण्ड |
ज़िला | सिमडेगा ज़िला |
ऊँचाई | 418 मी (1,371 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 42,944 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 835223 |
दूरभाष कोड | +91-6525 |
वाहन पंजीकरण | JH-20 |
वेबसाइट | simdega |
सिमडेगा (Simdega) भारत के झारखण्ड राज्य में स्थित एक नगर है। यह सिमडेगा ज़िले का मुख्यालय भी है। सिमडेगा राज्य के दक्षिण पश्चिम हिस्से में स्थित है।[1][2]
भौगोलिक रूप से सिमडेगा उत्तर में गुमला, पूर्व में राँची एवं पश्चिमी सिंहभूम, दक्षिण में उड़ीसा, एवं पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है। जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 3768.13 वर्ग किमी है। यहाँ की ज्यादातर आबादी, लगभग 71 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों की है जो झारखंड में किसी भी जिले से ज्यादा है। सिमडेगा जिले में दस प्रखंड हैं जिनमें - सिमडेगा, कोलेबिरा, बांसजोर, कुरडेग, केरसई, बोलबा, पाकरटांड, ठेठईटांगर, बानो एवं जलडेगा शामिल हैं। पूरा सिमडेगा जिला प्राकृतिक दृष्टि से पर्यटन क्षेत्र की तरह है और जिले के प्रमुख स्थल हैं - केलाघाघ डैम, अनजान शाह पीर बाबा, रामरेखा धाम, केतुन्गा धाम। इसके अलवा यहाँ हरीयाली, नदी, डैम, झरने, के लिहाज से पूरा सिमडेगा ही पर्यटन स्थल है।
जिले में शहरीकरण की स्थिति कुल जनसंख्या का केवल 6.6 है, तथा जिला में सिमडेगा ही एकमात्र और प्रमुख शहर है, जिले का 1194.50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वनों से अच्छादित है। सिमडेगा जिले में कुल जनसंख्या का 70.2 अनुसूचित जनजाति रहते हैं। जो की झारखण्ड के सभी जिलों में से अधिक है। इसके बाद गुमला जिले का आता है, जहाँ अनुसूचित जनजाति का 67.2 है। सिमडेगा की प्रमुख नदियाँ हैं - शंख, देव, गिरवा और पालामाड़ा। इन सभी नदी में शंख नदी ही प्रमुख है।
प्राचीन काल में सिमडेगा को "बीरू-कैसलपुर परगना" के नाम से जाना जाता था जो राजा कतंगदेव का राज्य था। राजा कतंगदेव के निधन के बाद महाराजा शिवकर्ण ने गद्दी संभाली। मुंडा एवं खड़िया जनजातियों के इस क्षेत्र आगमन लगभा 1441 ईसवी में हुआ जबकि उसके बाद ऊराँव जनजाति के लोग भी इस क्षेत्र में रोहतास से कुछ दशक बाद आये। कुछ समय के लिए यह कलिंग साम्राज्य का हिस्सा भी रहा और इसी क्रम में 1336 में गंग वंश के राजा हरिदेव इस क्षेत्र (बीरू) के शासक बने। अभी बीरू जिला मुख्यालय से लगभग 11 किमी की दूरी पर स्थित है। गंगा बिशुन रोहिल्ला इस क्षेत्र के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं।