सुरेश कलमाड़ी Suresh Kalmadi | |
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Pune से
Indian सांसद | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 2004 | |
पूर्वा धिकारी | Pradeep Rawat |
उत्तरा धिकारी | Incumbent |
बहुमत | 25,747[1] |
जन्म | 1 मई 1944 Pune, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतn |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
शैक्षिक सम्बद्धता | Fergusson College, Pune |
जालस्थल | www.sureshkalmadi.org |
सुरेश कलमाड़ी (जन्म 1 मई 1944) एक भारतीय राजनेता और वरिष्ठ खेल प्रबंधक हैं। वे राजनीतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सदस्य हैं। वे भारतीय ओलंपिक संघ, एशियन एथलेटिक्स एसोसिएशन और भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट भी हैं।[2]
सुरेश कलमाड़ी ने दक्षिण पश्चिम भारत में महाराष्ट्र राज्य के पुणे में स्थित सेंट विन्सेंट हाई स्कूल में और उसके बाद पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज में पढ़ाई की है। 1960 में वे पुणे के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हो गए और 1964 में वे जोधपुर और इलाहाबाद में एयर फ़ोर्स फ्लाइंग कालेजों के साथ जुड़ गए। 1964-1972 के बीच उन्होंने भारतीय वायु सेना की सेवा की थी।
1978-1980 के बीच वे महाराष्ट्र प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। वे 1982 से 1995 तक और फिर 1998 में तीन कार्यकालों के लिए राज्य सभा के सदस्य रहे। वे 1996 में 11वीं लोक सभा के लिए और 2004 में 14वीं लोक सभा के लिए भी चुने गए। वर्तमान में वे पुणे से सत्तासीन सांसद हैं। भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पी.वी. नरसिंह राव के कार्यकाल के दौरान सुरेश कलमाड़ी ने 1995 से 1996 तक रेल राज्य मंत्री के रूप में सेवा की थी।[3]
वे भारतीय ओलिंपिक संघ के प्रेसिडेंट हैं और हाल ही में संपन्न 3 से 14 अक्टूबर 2010 तक दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में आयोजन समिति के चेयरमैन थे। 11 अक्टूबर 2008 को पुणे में कलमाड़ी को चौथी बार के लिए भारतीय ओलंपिक संघ का प्रेसिडेंट चुना गया था।[4]
ख == विवाद == 2008 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक्स में तीन भारतीय पदक विजेताओं के सम्मान में आयोजित किये गए सम्मान समारोह के दौरान कलमाडी कथित तौर पर उठकर बाहर चले गए क्योंकि उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बगल में कुर्सी की पेशकश नहीं की गयी थी।[5] जनवरी 2010 में पूर्व भारतीय हॉकी टीम के कप्तान परगट सिंह ने कलमाड़ी पर खेल माफिया होने का आरोप लगाया है।[6]
2010 के राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन सार्वजनिक जाँच और कानूनी तहकीकात के साथ-साथ मुख्य सतर्कता आयोग (भारत की एक शीर्षस्थ भ्रष्टाचार विरोधी समिति) के दायरे में आ गया है जो खेलों की व्यवस्था के कुछ ख़ास पहलुओं की सीबीआई (CBI) से जाँच कराने की मांग कर रही है।[7]. इसके लिए विपक्ष ने सुरेश कलमाड़ी के इस्तीफे की मांग की है।[8]. यह आरोप लगाया गया है कि जेपी समूह के साथ जुड़े खेलों में अत्यधिक लागतों की जानकारी देकर अवैध रूप से धन जुटाए गए जिसमें उनके बेटे सुमीर कलमाड़ी के वित्तीय सहयोग के माध्यम से ग्रेटरक नोयडा में एफ1 सर्किट प्रोजेक्ट में पैसे लगाए गए।[9] हालांकि कलमाड़ी भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार करते जा रहे हैं।[10].
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उन्हें 1996 में आईओए (IOA) के प्रेसिडेंट के रूप में चुना गया था और वे तब से इस पद को संभाल रहे हैं। उनका कार्यकाल 2012 में समाप्त होगा।