राजा सूर सिंह राठौड़ | |||||
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जोधपुर के महाराजा | |||||
कार्यकाल | 11 जुलाई 1595 – 7 सितंबर 1619 | ||||
राज्याभिषेक | 23 जुलाई 1595, शृंगार चौकी, मेहरानगढ़, जोधपुर | ||||
जन्म | 24 अप्रैल 1571 दिल्ली | ||||
निधन | सितम्बर 7, 1619 महाईकट, डेक्कन | (उम्र 48 वर्ष)||||
समाधि | जोधपुर | ||||
संतान | गज सिंह | ||||
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घराना | राठौड़ | ||||
पिता | उदय सिंह राठौड़ | ||||
माता | माणरंग देवी | ||||
धर्म | हिन्दू | ||||
पेशा | मुगल जनरल, कमांडर |
[1]सवाई राजा सूर सिंह राठौड़ या सूरज मल (24 अप्रैल 1571 - 7 सितंबर 1619), मारवाड़ साम्राज्य के राजा थे (11 जुलाई 1595 - 7 सितंबर 1619) तक शासन किया। उनकी बहन सम्राट जहाँगीर की दूसरी पत्नी और शाहजहाँ की माँ थी।[2]
वह अपने पिता की मृत्यु पर 11 जुलाई 1595 उत्तराधिकार के रूप में गद्दी पर बैठे थे। उन्होंने गुजरात की विजय में शहजादे मुराद और दनियाल मिर्जा की सहायता की और अकबर के लिए दक्कन को अपनी कई सेवाओं की मान्यता में सवाई राजा का वंशानुगत उपाधि प्राप्त की। 7 सितंबर 1619 को दक्कन के महाईकट में सक्रिय सेवा के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
पङदायत दो थी। सो 1 को तो मोटा राजा उदैसिघ लाहौर से अल्पावस्था मे लाये थे। जिसका नाम हरबंशी बाई। यह जात की पटेलन थी और 2 रामकली राजाजी के जीते ही मर गई।
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