सेवढ़ा

सेंवढ़ा मध्यप्रदेश के दतिया की जिले एक बेहद ही खुबसूरत जगह है, जहां आप दतिया के रास्ते और ग्वालियर के रास्ते भी जा सकते है...सेवढ़ा का दूसरा नाम सनकुआ धाम भी है कहा जाता है कि इसी सनकुआ धाम पर सिंध नदी के किनारे ब्रह्मा जी के 4 पूत्रों ने तपस्या की थी उनके नाम थे सनक, सनंदन,सनातन, सनत कुमार।

सेंवढ़ा दतिया का धुआँ धार एक आम मान्यता है कि इसी सिंध नदी को भारत के सभी तीर्थों का भांजा भी कहा जाता है.

इसलिए इस नदी में स्नान करने की अपनी एक अगल महत्ता है

सेवढ़ा में घूमने के लिए एक खूबसूरत किला और सिंध नदी के किनारे वन खडेशवर शिव मंदिर श्री दारकाधीश मंदिर काली मंदिर बड़े हनुमान गणेश मंदिर है

यहाँ शांत बातावरण के बीच खूबसूरत झरने दूध धारा गोमुख से गिरता पानी शिव मंदिर पर गिरती दुग्ध धारा कई प्राकृतिक गुफाएँ मंदिर दर्शनीय हैं ।इसे दतिया का भेडाघाट कहते है

नदी में नाव से भ्रमण कर सकते हैं ।बीच नदी में कई मंदिर बने है । परतदार चट्टानों से घिरी नदी मनोरम लगतीं हैं नदी के कुंड क्षेत्र की गहराई असीमित है। परतदार चट्टानों से लोग पानी में ऊँचाई से गोता मारते हैं राजपरिवार की कई क्षत्रिया नदी किनारे बनी है उमेश जबलपुरी

और एक आम मान्यता है कि इसी सिंध नदी को भारत के सभी तीर्थों का भांजा भी कहा जाता है. इसलिए इस नदी में स्नान करने की अपनी एक अगल महत्ता है सेवढ़ा में घूमने के लिए एक खूबसूरत किला और सिंध नदी के किनारे है...जहां आपको एक शांत बातावरण के साथ एक खूबसूरत झरने दूध धार की तरह दिखता है। नदी में नाव के द्वारा भ्रमण का आनंद भी लिया जा सकता है। नदी के कुंड क्षेत्र की गहराई का आंकलन नहीं किया जा सका है क्योंकि इसे असीमित माना गया है। यह नगर यदुवंशी क्षत्रिय बाहुल्य है।