सैयद मुजफ्फर हुसैन बर्नी (१४ अगस्त १९२३ – ७ फ़रवरी २०१४)[1] भारत के प्रशासनिक अधिकारी, त्रिपुरा, नागालैण्ड, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल तथा भारत के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे। बर्नी उत्तर प्रदेश के बरेली महाविद्यालय के पूर्व छात्र थे।[2] वो भारतीय प्रशासनिक सेवा के उड़िशा कैडर के अधिकारी थे जहाँ उनकी नियुक्ति राज्य के मुख्य सचिव के पद पर हुई थी।[3] १९८१ और १९८४ में उन्होंने नागालैण्ड, त्रिपुरा और मणिपुर के राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया तथा १९८७ से १९८८ तक हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा के राज्यपाल रहे।[4][5] वो १९८८ से १९९२ तक चतुर्थ एवं पंचम अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रहे।[6] वो दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के १९९० से १९९५ तक कुलाधिपति भी रहे।[7] ७ फ़रवरी २०१४ को ९० वर्ष की आयु में वृद्धावस्था के कारण उनका निधन हो गया।[8][9]
बर्नी ने इक़बाल: पोइट - पेट्रियट ऑफ़ इंडिया (Iqbal: Poet – Patriot of India; हिन्दी: इक़बाल - कवि - भारत के देशभक्त) नामक पुस्तक की रचना भी की।[10][11]