सैय्यद मुमताज अली देवबंदी (27 सितंबर 1860 - 15 जून 1935) एक भारतीय सुन्नी मुस्लिम विद्वान और उन्नीसवीं सदी के अंत में महिलाओं के अधिकारों के हामी थे। वह दारुल उलूम देवबंद के पूर्व छात्र थे। उनकी पुस्तक हुकुक़-ए-निस्वान और तहज़ीब-ए-निस्वान पत्रिका जिसे उन्होंने अपनी पत्नी मुहम्मदी बेगम के साथ शुरू किया था, को महिला अधिकारों पर अग्रणी कार्य मानाजाता है। [1]