सोनारगाँव का 'लोक शिल्प जादूघर', जो इसा खान की राजधानी का एक भाग था।
'पानम नगर' १९वीं सदी में सोनारगाँव के ऊपरी-मध्यम वर्ग के लोगों का एक केन्द्र था। अब यह खण्डहर है। यहाँ पर मुख्यतः हिन्दू वस्त्र विक्रेता रहते थे।
मूसा खान की मस्जिद, जो ढाका विश्वविद्यालय के डा मुहम्म्द शाहिदुल्लाह की कब्र भी है। यह इसपर की गई कारीगरी के लिए जानी जाती है और कहा जाता है कि इसका निर्माण इसा खान या उसके पुत्र, मूसा खान ने करवाया था।
'हाजीगंज का किला' को इसा खान का मुख्य सामरिक किला था जो मेघना, शितलक्या और ब्रह्मपुत्र नदियों के सामने था। यह प्राधिकरण द्वारा रक्षित है।