Hariharan | |
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Hariharan in 2011 | |
पेशा | Director |
कार्यकाल | 1973 – present |
हरिहरन एक भारतीय फिल्म निर्देशक हैं। उन्होंने 50 से अधिक मलयालम फिल्मों का निर्देशन किया है। [1] उनकी फिल्में मुख्य रूप से केरल समाज के सांस्कृतिक और संबंधपरक पहलुओं के इर्द-गिर्द घूमती हैं। उनके सबसे उल्लेखनीय कार्यों में बाबुमन (1975), शरपंचनम (1979), पंचाग्नी (1986), नखक्षथंगल (1986), अमृत्म गमया (1987), ओरु वदक्कन वीरगाथा (1989), सरगम (1992), परिणयम (1994) और पजहस्सी राजा (2009) शामिल हैं। इन फ़िल्मों को आलोचकों ने बहुत सराहा है और उन्हें आलोचकों की व्यापक रूप से प्रशंसा दिलवाई है। [2] [3] [4] 2020 में, उन्हें मलयालम सिनेमा में योगदान के लिए केरल सरकार के सर्वोच्च सम्मान जे.सी. डैनियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हरिहरन ने सेंट थॉमस कॉलेज, त्रिशूर और यूनिवर्सल आर्ट्स कॉलेज, कोझीकोड में अध्ययन किया। [5] उन्होंने अपनी शुरूआत 1965 में फिल्म निर्देशक एम. कृष्णन नायर के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम करते हुए की। उनके साथ काम करते हुए उन्होंने मलयालम फिल्म उद्योग में प्रवेश किया। 1973 में उनकी पहली फ़िल्म लेडीज़ हॉस्टल में रिलीज़ हुई। इसके बाद उन्होंने प्रेम नज़ीर और मधु के साथ बहुत सारी फ़िल्मों को बनाया। बाबूमॉन, ब्लैक एंड व्हाइट युग की उनकी बॉक्स ऑफिस हिट फिल्मों में से एक थी। उन्होंने अभिनेता जयन के करियर में दो प्रमुख फिल्मों का निर्देशन किया। इन दो फ़िल्मों ने जयन के करियर को बदल कर रख दिया। 1976 में उनकी फिल्म पंचमी ने जयन को पहला बड़ा ब्रेक दिया। जयन, मलयालम सिनेमा में एक अभिनेता के रूप में आए थे। इस फ़िल्म ने उन्हें एक व्यापक पहचान दिलाई। 1979 में उन्होंने जयन और शीला के साथ एक और ब्लॉकबस्टर फिल्म सरपनजाराम रिलीज़ की। इस फ़िल्म ने फ़िल्म के नायक जयन को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। उन्होंने 60 से अधिक फिल्मों का निर्देशन किया है, जिनमें से कई फ़िल्मों ने अच्छा व्यवसाय करने के साथ-साथ विषयों की गंभीरता को भी दिखाने में सफल रहीं। उनकी फिल्मों ने ज्यादातर सामाजिक मुद्दों की जटिलताओं और मानवीय रिश्तों की गहराइयों को दर्शाया हैं, जो केरल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की पृष्ठभूमि में स्थापित है। जैसे उनकी फिल्मों वलर्थुमरूगंगल, पंचाग्नी, <i id="mwQQ"></i>नखक्षथंगल, ओरु वदक्कन वीरगाथा, सरगम, परिणयम और एन्नु स्वंथम जानकीकुट्टी नें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के भारतीय पैनोरमा में प्रवेश किया। उन्हें ओरु वडक्कन वीरगाथा के लिए उत्तर कोरिया के प्योंगयांग फिल्म महोत्सव द्वारा एक डिप्लोमा से भी सम्मानित किया गया। 1993 में, सरगम ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए केरल राज्य पुरस्कार और पूरा मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी प्रदान किया गया। फिल्म को फुकुओका और स्विस फिल्म समारोहों में विशेष सम्मान भी मिला। [6] उनकी अगली फिल्म, परिणयम ने अन्य सामाजिक मुद्दों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और दुनिया भर में लगभग सात फिल्म समारोहों में भाग लिया। एन्नु स्वांथम जानकीकुट्टी कोरियाई फिल्म समारोह (2000) में उद्घाटन फिल्म के तौर पर प्रदर्शेित की गई, और इसने लंदन फिल्म समारोह (2000) में भी भाग लिया।
अपने इन कामों से अपने को पहचान दिलवाने के अलावा उन्होंने कई मौकों पर अपने काम के लिए फिल्मफेयर और रामू करियात पुरस्कार भी जीता। 2009 में, उन्होंने पजहस्सी राजा फ़िल्म बनाई। यह केरल वर्मा पझस्सी राजा के जीवन पर आधारित थी, जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ पहला विद्रोह था। इसे एम॰ टी॰ वासुदेव नायर ने लिखा था। 2011 में बाद में, उन्होंने रंडामूझम शीर्षक से एक और ऐतिहासिक फिल्म की घोषणा की जिसमें मोहनलाल मुख्य भूमिका में थे। यह फ़िल्म एम॰टी॰ वासुदेवन नायर के इसी नाम से लिखे उपन्यास पर बन रही थी। इसका निर्माण गोकुलम गोपालन द्वारा किया जाना था, लेकिन बाद में परियोजना को रोक दिया गया था। [7]
इसके बाद हरिहरन और एम.टी. वासुदेवन नायर की टीम ने युवा प्रतिभाशाली अभिनेता इंद्रजीत के साथ हाथ मिलाया। शीर्षक एझामाथे वरवू, शीर्षक से बनी फिल्म भी विनीत और भावना अन्य प्रमुख भूमिकाओं में शामिल थे।
Year | Title | Script |
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1973 | लेडीज़ हॉस्टल | P. Balakrishnan |
1974 | अयालाठे सुंदरी | T. Hariharan |
1974 | राजहंसम | |
1974 | भूमिदेवी पुश्पिनियाई | |
1974 | कॉलेज गर्ल | |
1975 | बाबुमोन | |
1975 | लव मैरिज | |
1975 | मधुराप्पथिनेझु | |
1976 | अम्मिनी अम्मावन | |
1976 | कन्यादानम | |
1976 | पंचमी | |
1976 | राज्योगम | P. Balakrishnan |
1976 | थेम्मादी वेलाप्पन | |
1977 | इवानेंटे प्रियापुत्रण | |
1977 | संगमम | |
1977 | सुजाता | |
1977 | थोल्कन एनिक्कू मनास्सिल्ला | |
1978 | कुदुम्बम नमुक्कु श्रीकोविल | |
1978 | अदिमाक्काचावादम | |
1978 | स्नेहथिन्ते मुखंगल | |
1978 | यागास्वाम | |
1979 | इदावाज्हियेले पूचा मिन्दप्पूचा | M. T. Vasudevan Nair |
1979 | शरापंजरम | Malayattoor Ramakrishnan |
1980 | लावा | S. L Puram |
1980 | मुठुचिप्पिकल | |
1981 | पूचा सन्यासी | |
1981 | वलार्थुमुरुगंगल | M. T. Vasudevan Nair |
1981 | श्रीमान श्रीमती | |
1982 | अनुरागाक्कोदाठी | |
1982 | अनुरागम | |
1983 | एविदेयो ओरु शत्रु | Unreleased |
1983 | वरंमारे आवश्यमुंडू | |
1984 | पूमदठे पन्नू | |
1984 | वेळम | |
1984 | विकाताकवि | |
1986 | पंचाग्नि | M. T. Vasudevan Nair |
1986 | नाखाक्षथंगल | M. T. Vasudevan Nair |
1986 | अंजाम | Remake of Sharapanjaram |
1987 | अमृत्म् गम्या | M. T. Vasudevan Nair |
1987 | मांगे ओरु गंगे (तमिल) | |
1987 | न्जनम नीयुम | |
1988 | अरन्यकम | M. T. Vasudevan Nair |
1989 | ओरु वदक्कन वीरगाथा | M. T. Vasudevan Nair |
1990 | ओलियाम्बुकल | Dennis Joseph |
1992 | सरगम | Chovallur Krishnan Kutty |
1994 | परिणयम | M. T. Vasudevan Nair |
1998 | एन्नु स्वन्थम जानकीकुट्टी | M. T. Vasudevan Nair |
1999 | प्रेम पुजारी | P. Balakrishnan |
2005 | मयूखम | Hariharan |
2009 | केरला वर्मा पझस्सी राजा | M. T. Vasudevan Nair |
2013 | एझामाथे वरवू | M. T. Vasudevan Nair |
केरल राज्य फिल्म पुरस्कार :
</br>अन्य पुरस्कार
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