जेएल-8/के-8 JL-8/K-8 | |
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चीन में ज़ुहाई एयर शो 2010 के बीच के-8 | |
प्रकार | जेट ट्रेनर लाइट अटैक |
उत्पादक | हाँगडू विमानन उद्योग निगम |
प्रथम उड़ान | 21 नवंबर 1990 |
आरंभ | 21 सितंबर 1994 |
स्थिति | ऑपरेशनल |
प्राथमिक उपयोक्तागण | चीन वायु सेना पाकिस्तान वायु सेना मिस्र की वायु सेना म्यांमार वायु सेना |
निर्मित | 1990-वर्तमान |
निर्मित इकाई | 500+[1] |
इकाई लागत | अमेरिकी $1 करोड़[2] |
हाँगडू जेएल-8 या नैनचांग जेएल-8 (Hongdu JL-8 or Nanchang JL-8) जिसे काराकोरम-8 या के-8 के रूप में भी जाना जाता है, एक दो-सीट मध्यवर्ती जेट ट्रेनर और हल्का अटैक वाला विमान हैं जिसे चीन के नैनचांग विमान निर्माण निगम द्वारा बनाया गया है। इसका प्राथमिक ठेकेदार हाँगडू विमानन उद्योग निगम है। इसका निर्यात संस्करण, के -8 करकोरम को पाकिस्तानी वायु सेना के लिए पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स द्वारा सह-निर्मित किया जाता है।
1986 में पाकिस्तान की सरकार और चीन के बीच संयुक्त सहयोग प्रयास के रूप में जेएल-8 ट्रेनर प्रस्तावित किया गया था। दोनों देशों के बीच दोस्ती के प्रतिनिधित्व के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल ज़िया उल हक द्वारा दिये सुझाव नाम पर इसका नाम बदलकर काराकोरम-8 दिया गया था। डिजाइन पर कार्य नांचांग एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (एनएएमसी), नांचांग, दक्षिण मध्य चीन के जियांगशी प्रांत में 1987 में शुरू हुआ था। विमान के चीनी मुख्य डिजाइनर शि पिंग (石 屏) ने 100 चीनी इंजीनियरों की एक टीम के साथ नेतृत्व किया जबकि पाकिस्तान की ओर से एयर कमांडर मोहम्मद यूनुस 20 ने पाकिस्तानी इंजीनियरों की टीम के साथ नेतृत्व किया।
2008 में वेनेजुएला ने 18 के -8 विमानों की खरीदने की घोषणा की। वर्तमान में के-8 को चीन द्वारा फिलीपींस और इंडोनेशिया की वायु सेनाओं में व्यापार के लिए आगे किया जा रहा है। 2009 में, बोलीविया सरकार ने ड्रग्स को रोकने के अभियानों में उपयोग के लिए 6 के-8पी विमान खरीदने के लिए एक समझौते को मंजूरी दी थी। वर्ष 2010 तक के-8 विमानों की कुल संख्या 500 से अधिक होने का अनुमान था। साथ ही प्रति वर्ष लगभग 24 विमानों की उत्पादन किया जा रहा है।
5 सितंबर 2008 को 9 बजे, ज़िम्बाब्वे की वायु सेना का के-8 करकोरम ट्रेनर गवेरू शहर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर दोनों पायलटों की मौत हो गई। विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर गया हुआ था।