हातिम | |
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लेखक | दीपाली जुंजप्पा |
निर्देशक | |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 1 |
एपिसोड की सं. | 47 |
उत्पादन | |
कार्यकारी निर्माता | ज्योति सागर |
उत्पादन स्थान | वडोदरा (गुजरात, भारत) |
प्रसारण अवधि | लगभग 45 मिनट |
उत्पादन कंपनी | Sagar Films (Pvt.Ltd.) |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस |
प्रसारण | 26 दिसम्बर 2003[1] – 12 नवम्बर 2004 |
] हातिम हिन्दी भाषा में बनी एक भारतीय जादुई धारावाहिक है, जिसका मूल प्रसारण 26 दिसम्बर 2003 से 12 नवम्बर 2004 तक स्टार प्लस में हुआ। उसके बाद इसका दुबारा प्रसारण स्टार उत्सव नाम के एक निःशुल्क प्रसारण वाले चैनल में भी हुआ था। इसका निर्देशन अमृत सागर और शक्ति सागर ने किया है। इस धारावाहिक की कहानी जितेन्द्र की फिल्म "हातिम ताई" पर आधारित है। ये अपने मूल प्रसारण के समय का सबसे अधिक देखे जाने वाले धारावाहिकों में से एक था।
यह कहानी मध्य युग में मध्य पूर्व के आसपास घूमते रहती है। इस कहानी की शुरुआत यमन के सम्राट के पुत्र हातिम (राहील आज़म) के जन्म से शुरू होती है। उसी समय जफ्फार के सम्राट के घर भी पुत्र का जन्म होता है, जिसके लिए कहा जाता है कि वो बुरी शक्तियों का सेवक बनेगा। इस कारण जफ्फर के राजा ने दुनिया के हित हेतु मारने का निर्णय ले लिया। उसने नजूमी को उसके बच्चे के दिल को जलाने का आदेश दे दिया। नजूमी गुप्त रूप से बुरी शक्तियों की सेवा करता था, इस कारण उसने उसके बच्चे के स्थान पर एक खरगोश का दिल जला दिया और राजा को बोल दिया कि उसने उसके पुत्र का दिल जला दिया है।
नजूमी ने उस बच्चे का नाम दज्जाल रखा, और सारी बुरी शक्तियों की कला सिखाने लगा। बीस सालों के बाद दज्जाल वापस अपने महल में आता है और अपने पिता को मार कर खुद वहाँ का सम्राट बन जाता है। वह बुरी शक्तियों से मीनारों का निर्माण करता है, जिससे उसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। नजूमी उसे बताता है कि पूरी दुनिया में हुकूमत करने के लिए उसे अच्छी शक्तियों को अपने कब्जे में करना होगा। इसके लिए उसे दुर्गापुर की शहजादी सुनैना से शादी करनी होगी। लेकिन ये शादी उसे अपनी मर्जी से ही करनी होगी। दज्जाल शादी का प्रस्ताव देने दुर्गापुर आता है, लेकिन सुनैना शादी से इंकार कर देती है। इसी बीच सुनैना का भाई सूरज आ जाता है और दज्जाल को अपना तलवार निकाल कर चुनौती दे देता है। दल्लाल उसे पत्थर बना देता है, और सुनैना से कहता है कि यदि उसे उसका भाई ठीक चाहिए, तो उसे उससे सात महीनों के भीतर शादी करनी होगी।
यमन में हातिम की शादी परीस्तान की शहजादी जैस्मिन के साथ तय हो जाती है। शादी की सारी तैयारी भी हो जाती है, तभी सुनैना का प्रेमी, राजकुमार विशाल वहाँ आ जाता है, और हातिम से मदद मांगता है। हातिम को पता चलता है कि सुनैना के भाई को बचाने के लिए उसे सात सवालों के जवाब ढूँढने होंगे। इन सात सवालों को हल करने की यात्रा में जाने से पूर्व, परीस्तान के सम्राट उसे एक जादुई तलवार देते हैं, और उनकी बेटी उसे होबो (किकू शारदा) को साथ ले जाने के लिए देती है। धीरे धीरे हातिम को उन सवालों के जवाब मिलते रहते हैं, और दज्जाल की ताकत कम होने लगती है। सातवें और अंतिम सवाल का जवाब हातिम को दज्जाल से ही मिल सकता था।
अंतिम सवाल के हल के साथ ही हातिम को ये भी पता चलता है कि उसकी मौत दज्जाल के हाथों से होगी और दज्जाल की मौत भी हातिम के हाथों से ही होगी। दोनों में लड़ाई होती है और दोनों की मौत हो जाती है। लेकिन हातिम फिर से जीवित हो जाता है। सुनैना का भाई ठीक हो जाता है, और हातिम की शादी जैस्मिन से हो जाती है। इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।
इस श्रृंखला को विभिन्न भारतीय चैनलों जैसे कि डिज्नी चैनल इंडिया , स्टार उत्सव और हंगामा टीवी पर सिंडिकेट किया गया है। [२] श्रृंखला ने तमिल भाषा में स्टार विजय चैनल के लिए मौवरन हातिम के नाम से भी डब किया है। [३] । इस श्रृंखला को बांग्लादेश टेलीविजन के लिए बंगला में भी डब किया गया था, और डब संस्करण को एटीएन बांग्ला पर प्रसारित किया गया था। ये धारावाहिक पुनः बिग मैजिक पर 10 08 2020 से शाम 7 बजे चला था।
2004 में द इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवार्ड्स सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा - निकहत मारीराम नीरुशा बेस्ट एडिटिंग - पापु त्रिवेदी बेस्ट मेकअप - सागर एंटरटेनमेंट गाथा बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स - ज्योति सागर सर्वश्रेष्ठ पौराणिक / ऐतिहासिक धारावाहिक - ज्योति सागर अमृत सागर बेस्ट पैकेजिंग - अमृत सागर सर्वश्रेष्ठ एक्शन हीरो - राहिल आज़म
2005 में बेस्ट चिल्ड्रन प्रोग्राम ज्योति सागर अमृत सागर सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन - मुकेश कलोला सर्वश्रेष्ठ आत्मकथा - सागर एंटरटेनमेंट सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा - निकहत मरियम बेस्ट मेकअप - हरि नवार बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स - ज्योति सागर