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हिंदुस्तान कॉन्टेसा (अंग्रेज़ी: Hindustan Contessa) एक ऑटोमोबाइल है जिसका निर्माण 1984 से 2002 तक भारत के हिंदुस्तान मोटर्स (एचएम) द्वारा किया गया था। यह 1976 से 1978 तक वॉक्सहॉल वीएक्स सीरीज़ पर आधारित था, जो वॉक्सहॉल विक्टर FI फ्यूल इंजेक्टर का ही विकास था। 1983 में जब इसे पेश किया गया, तो यह बाज़ार में मौजूद कुछ भारतीय निर्मित लक्जरी कारों में से एक थी।[1]
कॉन्टेसा दो इंजन विकल्पों में उपलब्ध थी: एक 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन और एक 2.0 लीटर डीजल इंजन। दोनों इंजनों को 4-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन से जोड़ा गया था। हिंदुस्तान कॉन्टेसा अपने विशाल इंटीरियर और आरामदायक सवारी के लिए जानी जाती थी। यह पावर स्टीयरिंग, पावर विंडो और एयर कंडीशनिंग जैसी सुविधाएं देने वाली पहली भारतीय कारों में से एक थी।[2]
कॉन्टेसा को बिक्री में गिरावट के कारण 2002 में बंद कर दिया गया था। हालाँकि, यह संग्राहकों और उत्साही लोगों के बीच एक लोकप्रिय कार बनी हुई है। 2021 में, हिंदुस्तान मोटर्स ने घोषणा की कि वह कॉन्टेसा को इलेक्ट्रिक कार के रूप में पुनर्जीवित करेगी।
हिंदुस्तान कॉन्टेसा अपने समय में भारत की एक लोकप्रिय कार थी। यह अपनी शानदार सुविधाओं और आरामदायक सवारी के लिए जाना जाता था। हालाँकि, इसकी ख़राब ईंधन अर्थव्यवस्था और पुराने इंजन के लिए आलोचना भी की गई थी। फिर भी, कॉन्टेसा आज संग्राहकों और उत्साही लोगों के बीच एक लोकप्रिय कार बनी हुई है।