हीराकुद Hirakud ହୀରାକୁଦ | |
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हीराकुद बाँध के सरोवर के बाएँ तट पर काम करते मछुआरे | |
निर्देशांक: 21°31′N 83°52′E / 21.52°N 83.87°Eनिर्देशांक: 21°31′N 83°52′E / 21.52°N 83.87°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | ओड़िशा |
ज़िला | सम्बलपुर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 30,207 |
भाषा | |
• प्रचलित भाषाएँ | सम्बलपुरी, ओड़िया |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
हीराकुद (Hirakud) भारत के ओडिशा राज्य के संबलपुर ज़िले का एक कस्बा है।[1][2][3]
हीराकुद भारत के उड़ीशा राज्य के संबलपुर जिले में इब और महानदी के संगम पर स्थित कस्बा है। इस स्थान की प्रसिद्धि का कारण हीराकुद बाँध है। यहाँ स्वर्णधूल एवं हीरा भी प्राप्त होता है। महानदी छत्तीसगढ़ के पठार से निकलकर पूर्व की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। जब सन् १९५६ में हीराकुद बाँध का निर्माण हुआ तो इस कस्बे का नाम प्रसिद्ध हुआ।
वर्तमान समय में हिण्डाल्को (HINDALCO) आदि कुछ बड़ी कम्पनियाँ यहाँ स्थित हैं। हीराकुद की झील एशिया की सबसे बड़ी मानवनिर्मित झील है। हीराकुद बाँध संसार के विशालतम तथा सबसे लम्बे बाँधों में से एक है। यह बाँध विद्युत उत्पादन तथा सिंचाई के काम आता है। यह पर्यटकों के आकर्षण का भी केन्द्र है। इस बाँध की लंबाई 4.8 कि.मी. है तथा तटबंध सहित इसकी कुल लंबाई 25.8 कि.मी. है। बाँध के तटबंध के कारण 743 वर्ग कि.मी. लंबी एक कृतिम झील बन गयी है। इसे 'हीराकुंड' कहते हैं।