धोण्डो केशव कर्वे Dhondo Keshav Karve | |
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जन्म | |
मृत्यु | ९ नवम्बर १९६२ | (१०४ वर्ष)
महर्षि डा. धोण्डो केशव कर्वे (अप्रैल १८, १८५८ - नवम्बर ९, १९६२) प्रसिद्ध समाज सुधारक छल। ओ महिला शिक्षा आ विधवा विवाह मे महत्त्वपूर्ण योगदान केलक। ओ अपन जीवन महिला उत्थान क समर्पित करि देलक। उनका द्वारा मुम्बई मे स्थापित एसएनडिटी महिला विश्वविघालय भारतक प्रथम महिला विश्वविघालय छी। ओ वर्ष १८९१ से वर्ष १९१४ तक पुणेके फरगुस्सन कलेजमे गणित के अध्यापक छल। हुनका वर्ष १९५८ मे भारत रत्नसँ सम्मनित कएल गेल।
हुनकर जन्म महाराष्ट्रके मुरुड नामक कस्बे (शेरावाली, जिला रत्नागिरी), मे एक गरीब परिवारमे भेल छल। पिता क नाम केशवपंत आ माता क लक्ष्मीबाई। आरम्भिक शिक्षा मुरुड मे भेल। पश्चात् सतारा मे दुई अढाई वर्ष अध्ययन करि के मुंबई के राबर्ट मनी स्कूल मे दाखिल भेल। १८८४ ई. मे ओ मुंबई विश्वविद्यालय से गणित विषय लके बी.ए. क परीक्षा उत्तीर्ण केलक। बी.ए. करै के बाद ओ एलफिंस्टन स्कूल मे अध्यापक भ गेल। कर्वे क विवाह १५ वर्ष क आयु मे ही भ गेल छल आ बी.ए. पास करै धरि उनकर पुत्र क अवस्था अढाई वर्ष भ चुकल छल। अत: खर्च चलावे के लेल स्कूल क नौकरी के साथ-साथ लडकिसभ के दुई हाईस्कूल मे ओ अंशकालिक काम सेहो करैत छल। गोपालकृष्णन गोखले के निमंत्रण पर १८९१ ई. मे ओ पूना के प्रख्यात फर्ग्युसन कलेज में प्राध्यापक बनि गेल।