वसुधैव कुटुम्बकम एकटा संस्कृत वाक्यांश अछि जे महा उपनिषद जेहन हिन्दू ग्रन्थसभमे पाएल जाइत अछि, जेकर अर्थ अछि "विश्व एकटा परिवार छि"। वैदिक परम्परामे "वसुधैव कुटुम्बकम" केर उल्लेख अछि जेकर अर्थ अछि जे पृथ्वी पर जिवैत सभ जीवित प्राणी एकटा परिवार छि।
ई वाक्यांश वसुधैव कुटुम्बकम (संस्कृत: वसुधैव कुटुम्बकम्) अनेकौं शब्दसभसँ मिलि केर बनल अछि: वसुधा (transl. 'पृथ्वी');[१]कुटुम्बकम (transl. 'परिवार');[२] आ एव (transl. 'अछि')
मूल श्लोक महा उपनिषद ६-७-७३ के अध्याय-६ मे आवैत अछि[३][४][५], एकरा भारतीय समाजमे सभसँ महत्वपूर्ण नैतिक मूल्य मानल जाइत अछि। महा उपनिषदक ई श्लोक भारतीय संसदक प्रवेश कक्षमे खाँधल अछि।
ओकर बाद केर श्लोकमे आगा कहैत अछि जे जेकरा लग कुनु लगाव नहि अछि। ओ ब्रह्म (एकटा सर्वोच्च, सार्वभौमिक आत्मा जे कि अभूतपूर्व ब्रह्माण्डक उत्पत्ति आ समर्थन अछि) केर खोजबाक लेल आगा बढैत अछि। ई श्लोक केर सन्दर्भ ओ व्यक्ति केर गुणसभमे सँऽ एकटा के रूपमे वर्णन केनाए अछि जे आध्यात्मिक प्रगति के उच्चतम स्तरक प्राप्त करि लेने अछि, आ जे भौतिक सम्पत्ति के प्रति लगाव के बिना अपन सांसारिक कर्तव्यसभ केर निर्वाह करबाकमे सक्षम अछि।
विश्व एकटा परिवार अछि
एकटा सम्बन्धी अछि, दोसर पराया अछि,
छोट सोच रखनीहार केर कहब
सम्पूर्ण विश्व एकटा परिवार अछि,
महानतम केर बाँचु वा जीवु।
अलग रहु,
उदार बनु,
अपन मन केर ऊपर उठाबु, आनन्द लियौ
ब्राह्मणवादी स्वतन्त्रताक फल
ई पाठ एकर बाद आब बला प्रमुख हिन्दू साहित्यमे प्रभावशाली रहल अछि। उदाहरणक लेल, हिन्दू धर्म मे साहित्यक इतिहास शैलीमे सभसँ अधिक अनुवादित लोकप्रिय भगवद गीता, महा उपनिषद केर वसुधैव कुटुम्बकम कहावत केर "सभसँ पैघ वेदान्त विचार" कहैत अछि।
गान्धी स्मृति आ दर्शन समिति केर पूर्व निदेशक डा. एन. राधाकृष्णन केर माननाए अछि जे समग्र विकास आ जीवनक सभ रूपसभक लेल सम्मानके गान्धीवादी दृष्टि; अहिंसाके एकटा सिद्धान्त आ रणनीति दुनु के रूपमे स्वीकार करबाक मे अन्तर्निहित अहिंसक संघर्ष समाधान; वसुधैव कुटुम्बकमक प्राचीन भारतीय अवधारणा केर विस्तार छल।[७]
भारतक प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी आर्ट अफ लिभिङद्वारा आयोजित विश्व संस्कृति महोत्सवमे एकटा भाषणमे ई वाक्यांश केर प्रयोग केलक, ओ कहलन्हि "भारतीय संस्कृति बहुत समृद्ध अछि आ ई हमरासभसँ मे प्रत्येकमे महान मूल्यसभ केर सम्मिलित केने अछि, हमसभ ओ लोक छि जे एतयसँ आएल छि।" अहम् ब्रह्मास्मि सँ वसुधैव कुटुम्बकम, हमसभ उपनिषदसँ उपग्रह धरि आएल लोक छि।[८]
एकर उपयोग ७म् अन्तर्राष्ट्रिय पृथ्वी विज्ञान ओलम्पियाड के लोकसभमे कएल गेल छल, जे सन् २०१३ मे मैसूर, भारत मे आयोजित कएल गेल छल। एकरा विद्यालय पाठ्यक्रममे पृथ्वी केर उप-प्रणालिईसभ के एकीकरण पर जोर देबाक लेल डिजाइन कएल गेल छल। एकरा मैङ्गलोर यूनिभर्सिटी के आर. शंकर आ श्वेता बी. शेट्टी डिजाइन केने छल।[९]
१ दिसम्बर, २०२२ सँ ३० नवम्बर, २०२३ धरि भारतक G20 प्रेजीडेन्सीक थीम आ लोगोमे "वसुधैव कुटुम्बकम" या "एक पृथ्वी-एक परिवार-एक भविष्य" केर उल्लेख अछि। लोगो डिजाइन प्रतियोगिता केर माध्यमसँ आमन्त्रित २४०० अखिल भारतीय प्रस्तुतिसभक जाँच के बाद लोगो के चयन कएल गेल छल।[१०]मुद्दा, चीन के विरोध के कारण, जे दाबी कएल गेल जे संस्कृत, संयुक्त राष्ट्रक छठम् आधिकारिक भाषासभमे सँ एक नहि छि, ई वाक्यांश अधिकांश आधिकारिक G20 दस्तावेजसभमे प्रदर्शित होबाक मे विफल रहल।[११]
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