सपना रोका मगर एक गोटे नेपाली महिला छि जे समसानघाट में काम करैत अछि, जिनका बीबीसी द्वारा सन् २०२० में १०० सभसँ प्रभावशाली महिलासभ में सँ एक के रूप में चयन कएल गेल छल। ओ सडक वा लास गृह में छोडल गेल शवसभ के दाह संस्कार में सम्मिलित होएत अछि आ ओ सभक पोस्टमार्टम के लेल अस्पताल लऽ जाए के सेहो व्यवस्था करैत अछि।[१]यदि शरीर ३५ दिन सँ अधिक समय धरि लावारिस रहि गेल तँ अन्तिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाजक अनुसार कएल जाऽ सकैत अछि।[२]
मूल रूप सँ, रोका नेपाल के म्याग्दी जिला सँ अछि। हुनकर जन्म १० फरवरी २००२ में जित प्रसाद रोका मागर (पिता) आ नानू रोका मागर (माँ) के सभसँ छोटकी बेटी के रूप में भेल छल।[३] १४ वरिषक उमर में, ओ बुटवल चलि गेल, जतय ओ अपन माता-पिता के इच्छा के विरुद्ध एक गोटे युवक के सँगे चलि गेल।[४]किछ ही महिना में ओ युवकसँ सम्बन्ध टूटि गेल आ ओ बेघर भऽ गेल। गल्ली में, ओ एक्शन फोर सोशल चेन्ज, एकटा एन.जी.ओ. सँ परिचित भेल, आ ओकर सँगे काम करनाए शुरू करि देलक जतय सँ ओ दाह संस्कार आ अन्य सामाजिक गतिविधिसभ सञ्चालित करैत अछि।[५]
ओ काठमाण्डौ में कोरोना भाइरस (कोभिड-१९) लकडाउन के समय में बेघर सभ के खाना खुवाबे में सेहो सम्मिलित अछि।[६]