आधुनिक प्रत्यक्ष बिक्री (डायरेक्ट सेलिंग) के अंतर्गत ऐसी बिक्रिया आतीं हैं जो पार्टी योजना, एक एक करके प्रदर्शन और अन्य व्यक्तिगत संपर्क व्यवस्था या अंतर्जाल के द्वारा की जाती हैं।[1] प्रत्यक्ष बिक्री का अर्थ सीधा व्यक्तिगत प्रदर्शन, प्रस्तुति, उत्पादों या सेवाओं अथवा दोनों की बिक्री अपने घर परिवार के तथा परिचितों से करना है।[2][3]
प्रत्यक्ष बिक्री, व्यापार करने का एक सुगम व सरल माध्यम है जिसमे कंपनी बिना किसी बिचौलिया के सीधे तौर पर अपने उत्पाद व सेवाओं की मार्केटिंग अपने ग्राहकों तक करती हैं। इससे उपभोक्ता व विक्रेता सीधे कंपनी से जुडे होते हैं। इतना ही नही इसके वितरक अपने निजी संपर्क से काम कर सकतें हैं।
एफटीसी के अनुसार प्रत्यक्ष बिक्री एक ऐसी विधि है जो व्यक्ति से व्यक्ति बिक्री पर निर्धारित है। यह रीटेल से अलग सोशल मीडिया के द्वारा या विक्रयकर्ता के द्वारा की जाती है।[4]
प्रत्यक्ष बिक्री दो प्रकार के व्यावसायिक प्रारूपों में कार्य करते है: सिंगल लेवल मार्केटिंग जहां एक डायरेक्ट सेलर कंपनी का सामान क्रय या विक्रय करके पैसे कमा सकता है या मल्टी लेवल मार्केटिंग (Network marketing या व्यक्ति दर व्यक्ति मार्केटिंग) जिसमें लोगो का network बनाकर product को sell out कर पैसे कमा सकते हैं।[5][अविश्वनीय स्रोत?]
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशंस के अनुसार वर्ष 2017 में वैश्विक प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग 189.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
डायरेक्ट सेलिंग में भारत में अपार संभावनाएं हैं। पूरे दुनियाभर में भारत प्रत्यक्ष बिक्री के मामले में ११वें पायदान पर तथा इससे प्राप्त राजस्व के मामले में २३ वें स्थान पर है। २००८-०९ के सर्वे के अनुसार यह व्यवसाय ३३३०० मिलियन का था। व्यवसाय को पारदर्शी बनाने हेतु इण्डियन डायरेक्ट सेलिंग असोसिएशन का भी निर्माण हुआ जिसमें कुछ कम्पनियां सम्मिलित हैं। साथ ही सितंबर २०१६ में भारतीय राजपत्र में प्रत्यक्ष बिक्री के नियमों का लेखन भी हुआ।[6]
वर्ष 2017 में भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 10000 करोड़ रुपए) की खुदरा बिक्री की और तीन वर्ष की अवधि में यह 5.8 प्रतिशत सीएजीआर दर से बढ़ा। देश में प्रत्यक्ष बिक्री के माध्यम से 50 लाख से अधिक लोग अंशकालिक या पूर्ण कालिक कमाई करते हैं। विश्लेषको का अनुमान है कि भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री बाजार केवल पांच वर्ष में लगभग 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर (64500 करोड़ रुपए) का हो जाएगा और करीब 20 मिलियन (2 करोड़) स्वरोजगार के अवसर निर्मित करेगा। भारत के रोजगार में प्रत्यक्ष बिक्री का पहले ही बहुत प्रभाव है खासकर महिलाओं को कार्यबल में वापस लाने के लिहाज से। प्रशिक्षण तक पहुंच स्पष्ट क्षतिपूर्ति योजनाएं और कार्य की लोचशील अवधि हमेशा से प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के आकर्षण रहे हैं। [7]
भारत में डायरेक्ट सेलिंग में बढ़ते घोटालों और ठगी को रोकने की लिए केंद्र सरकार ने 2016 में डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन और 2021 में डायरेक्ट सेलिंग रूल को जारी किया है। जिसके तहत देश में मौजूद सभी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी को ज़रूरी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग डायरेक्ट सेलिंग का स्वायत्त, विनियामक निकाय है। यह संगठन उद्योग तथा सरकार के नीति निर्माता निकायों के बीच तालमेल बनाने का काम करता है और देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के सरोकारों को उठाता है।
कम्पनी | स्थापना वर्ष | लाभ 2011 (USD) |
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एमवे कॉर्पोरेशन | 1959 | 111 लाख |
एवन प्रोडक्ट्स (Avon Cosmetics, Avon) | 1886 | 109 लाख |
Vorwerk & Co. KG | 1883 | 31.50 लाख |
Herbalife Ltd. | 1980 | 24 लाख |
Mary Kay Inc. | 1963 | 24 लाख |
Primerica Financial Services Inc. | 1977 | 23 लाख |
Tupperware Brands Corp. | 1951 | 22.10 लाख |
Forever Living Products Intl. Inc. | 1978 | 21 लाख |
Oriflame Cosmetics | 1967 | 16.80 लाख |
Natura Cosméticos SA | 1969 | 15.20 लाख |
Nu Skin Enterprises Inc. | 1984 | 12.30 लाख |
ACN | 1993 | 5500 लाख |